Wednesday, November 26, 2014

Scandalous Hindu Swamy, Baba Ramdev

Ramdev Baba ki Pol Khol !!!!



रामदेव बाबा की पोल खोल नीचे दिये गये क्रम मे की गयी है. हर मुद्दे के स्पष्टीकरण के बाद अंत मे संबंधित वेबसाईट की लिंक दी गयी है, जहासे आप अधिक जानकारी पा सकते है.

1. देवबंद में जमीयत उलेमा के मंच से वंदेमातरम के खिलाफ फतवा.
2. एड्स और कॅन्सर योग से ठीक करने का खोखला दावा.
3. राजीव दिक्षित के मौत के लिये जिम्मेदार.
4. गुरु स्वामी शंकर देव महाराज के मौत के लिये जिम्मेदार.
5. सत्याग्रह से पहले कपिल सिबल को पत्र देकर सरकार से साथ साठ-गाठ करना.
6. रामलीला मैदान से भक्तो को और बहन राजबाला को छोडकर भाग जाना.
7. 1100 करोड रुपये से ज्यादा कि रहस्यमय संपत्ती.
8. खुद के कम्पनियो के बारे मे चुप्पी.
9. विदेश मे अरबो कि लागत से द्विप खरीदा.
10. विदेशी चार्टर्ड प्लेन (विमान) मे सफर करना.
11. बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी से चुनाव में सांठ-गांठ.
12. स्वदेशी का ढोंग, विदेशी MNC से बिजनेस करार.
13. बीजेपी, अन्ना और डॉ. स्वामी के समर्थन की वजह.
14. स्वाईन फ्लू के खोखले इलाज के बहाने लाखो का बिजनेस.

बाबा रामदेव के जयकारे लगाने वालों को अब तो यह बात समझ आ जानी चाहिए भले हि योग सिखाना बहुत हि अच्छा काम है लेकिन रामदेव बाबा योग और काले धन के खिलाफ आंदोलन को अपने स्वार्थ के लिये संरक्षण कवच के तौर पर इस्तेमाल कर रहे है. ईस बहाने वे लोगो से अरबो रुपये का चंदा वसूल करते है, कोई अगर उंगली उठाये तो कहते है की मेरे क्या बिवी या बाल बच्चे है जो मे खुद के लिये यह धन जमा कर रहा हू ?

रामदेव भले हि ब्रह्मचारी हो लेकिन उनको दिये गये चंदे का अधिकतर इस्तेमाल
  • विदेशी चार्टर्ड प्लेन खरीदने मे,
  • पांच सितारा होटल का बिल चुकाने मे,
  • करोडो रुपये के वातानुकुलीत पंडाल लगाने मे,
  • बडी कम्पनियो के शेयर खरीदने मे,
  • सैकडो एकर जमीन खरीदने मे,
  • प्रायवेट जेट विमान मे पेट्रोल दालने मे
खर्च होता है. योग को बुरा कहने का सवाल हि पैदा नहीं होता लेकिन अब आप हि सोचीये की जो चंदा आम जनता से योग और आंदोलन के लिये लिया जाता है उसका इस्तेमाल किस लिये हो रहा है ? रामदेव बाबा के अंध भक्त आज अन्ना हजारे जी और सुब्रमण्यम स्वामी जी के प्रभावी आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे है. उनको और रामदेव को आईना दिखाना जरुरी है. रामदेव के गद्दार काँग्रेस से पुराने गुप्त संबंध है. क्या मजबूरी थी जो कपिल सिबल को अनशन फिक्स करने का पत्र उन्होने दे दिया ? क्या एक योगी, खुद को आयुर्वेदाचार्य केहेने वाला 9 दिन भी अनशन नही कर सकता ? जिस भ्रष्टाचार की पूंछ पकड़कर वे सत्ता तक पहुंचना चाहते हैं,उससे अछूते वह खुद भी नहीं हैं। ये सब बाबा का अंतर्विरोध नहीं अलबत्ता वह सच है जो यह साबित करता है कि बाबा की पुरी दाल हि काली है.
http://lovemohansharma.in/2012/03/baba-ka-sach/
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1. देवबंद में जमीयत उलेमा हिंद के अधिवेशन के मंच से वंदेमातरम के खिलाफ फतवा.


उत्तर पदेश के देवबंद में जमीयत उलेमा हिंद के अधिवेशन में मंच पर रामदेव बाबा, महमूद मदनी और कॉंग्रेस नेता पी. चिदंबरम भी जोर शोर से मौजूद रहे थे। इसी तीन दिवसीय अधिवेशन में वंदेमातरम के खिलाफ फतवा भी जारी किया गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव विनय कटियार ने कहा था कि योग गुरु बाबा राम देव और केंद्रीय गृह पी.चिदंबरम ने देवबंद में शिरकत कर राष्ट्रविरोधी कार्य किया है और इस गलती के लिए उन दोनों को देश से मांगी मांगनी चाहिए.

वंदेमातरम के खिलाफ फतवा जारी करने वाले जमीयत उलेमा हिंद के मंच पर गृहमंत्री पी. चिदंबरम और रामदेव बाबा की मौजूदगी को लेकर संत समाज भी आपे से बाहर है। खासकर रामदेव के खिलाफ तो हरिद्वार से लेकर अयोध्या तक के संत-महंत तल्ख रुख अख्तियार किए हुए हैं।
अयोध्या में अखाडा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत ज्ञानदास ने कहा है कि इस तरह का प्रस्ताव पूरी तरह भारत विरोधी है। क्योंकि वंदेमातरम राष्ट्रगीत है। उन्होंने कहा कि जिस सम्मेलन में राष्ट्रगीत के विरोध में प्रस्ताव पारित हो रहा हो, उसमें स्वामी रामदेव की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले तो वे इस सम्मेलन में शामिल क्यों हुए ? यदि हुए तो इस तरह के प्रस्ताव का विरोध उन्होंने क्यों नहीं किया ? भारत के संत समाज ने और अखिल भारतीय अखाडा परिषद ने रामदेव बाबा का बहिष्कार कर दिया है. रामदेव  ने बाद में अपनी गळती छीपाने के लिये बयांबाजी करने कि कोशिश कि लेकिन उस मंच पार चिदंबरम भी मौजूद थे, इसलिये उस खबर को काँग्रेस और मिडिया द्वारा दिखाया नही गया और रामदेव बच निकले. लेकिन देशद्रोह का दाग रामदेव के उपर लग हि गया.

अधिक जानकारी:
http://himalayauk.org/2009/11/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AB-%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0/

http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/25702/1/0

http://hindi.oneindia.in/news/2012/04/29/india-baba-ramdev-joined-hands-with-muslims-aid0146.html
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2.  एड्स और कॅन्सर योग से ठीक करने का खोखला दावा:

बाबा रामदेव ने कई बार यह दावा किया है कि वे केवल योग द्वारा किसी भी इन्सान को एड्स और कॅन्सर दोनो से मुक्त कर सकते है. लेकिन क्या आपने सोचा हे कि वे यह बात अभी तक सिद्ध नही कर पाये.  ये दावा तो पतंजली योगपीठ के वेबसाईट पर भी औपचारिक रूप मे किया गया था, फिर क्या रामदेव के कुछ भक्त तो सीना तान कर केहने लगे की रामदेव मे बहुत ताकत है, योगा मे अपार शक्ती है, ....

यहा पर एक बात स्पष्ट करना चाहेंगे की योग को बुरा केहेने का सवाल हि पैदा नही होता लेकिन साथ हि जो इन्सान अपने खुद कि आंखो का ठीक से इलाज नही कर पाया, क्या उसे इस तरह के अतिशोयुक्ती के दावे करना शोभा देता है ? और अगर दावा किया भी तो सिद्ध क्यू नही किया ?

हद् तो तब हो गाई की चौतरफा दबाव मे रामदेव को गलती समझ मे आ गयी और वे अपने दावे से पलट गये, और रामदेव के अंध भक्तो को मुह छिपाने के लिये भी जगह नही मिल पायी. उन लोगो का क्या जिनको रामदेव पर पुरा विश्वास था और उन्होने रामदेव के झांसे मे आकर एड्स और कॅन्सर कां अलोपेथी इलाज तक बंद कर दिया और अपनी जान गवा बैठे ?

अधिक जानकारी:
http://www.dnaindia.com/mumbai/report_baba-ramdevs-website-claims-aids-is-curable_1071418
http://ibnlive.in.com/news/ill-stay-away-from-politics-ramdev/top/30024-3.html
http://news.oneindia.in/2007/02/14/yoga-can-cure-aids-ramdev-1171470888.html
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3. राजीव दिक्षित के मौत के लिये जिम्मेदार:


हम सभी जानते है की भारत स्वाभिमान आंदोलन मे बाबा रामदेव और स्वर्गीय राजीव दिक्षित साथ साथ थे, लेकिन राजीव दिक्षित का ग्यान, वाणी और संभाषण कला के आगे रामदेव उन्नीस साबित हो रहे थे. सवाल रामदेव जी के अहंकार और लोकप्रियता का था. फिर क्या हुआ? राजीव दिक्षित जी को रामदेव ने समाप्त कर दिया.

१. अगर रामदेव दावा करते है की वो दुनिया की लगभग हर बिमारी और दिल के सभी रोग अपनी जडी बुटी द्वारा समूल नष्ट कर सकते है तो उन्होने राजीव दिक्षित जी के दिल के बिमारी का का इलाज क्यू नही किया ? क्या इससे रामदेव के दावो की पोल नही खुलती ? या फिर रामदेव के दावे सही है तो फिर उन्होने जान बुझ कर भाई राजीव दिक्षित जी का इलाज नही किया ?

२. राजीव दिक्षित जी के परिवार वालो को उन के दिल के बिमारी की जानकारी थी. अलोपेथी से इसका पुरा इलाज संभाव था. लेकिन रामदेव जी हमेशा अलोपेथी को बिना वजह हद् से ज्यादा गलत केहेते आये है. राजीव जी का परिवार उनकी अलोपेथी द्वारा चिकित्सा कराना चाहता था, लेकिन अपनी बदनामी की डर से और अपनी दवाओ का मार्केट डाऊन होने की वजह से रामदेव ने राजीव दिक्षित का इलाज कराने नही दिया और नतीजा? राजीव दिक्षित जी हम सब को छोडकर इस दुनिया से चले गये ....

३. रामदेवजी राजीव दिक्षित के मौत पर अपनी और से सफाई देते हुये केहेते है की उनकी मौत अनजान कारणो से हुई है. अगर रामदेव जी निर्दोष थे तो उन्होने राजीव दिक्षित जी का अंतिम संस्कार इतनी जल्दबाजी मे क्यू करवाया? अगर राजीव जी की मौत अनजान कारणो से हुई थी तो रामदेव ने अंतिम संस्कार कुछ देर के लिये आगे क्यू नही धकेला ? तहकीकात क्यू नही होने दि ? राजीव जी के शव का पोस्ट मार्टम क्यू नही करने दिया ?

४. हम कहते है की भारतीय मिडिया राजिव दीक्षित के मौत पर खामोश रहा लेकिन फिर आस्था चैनल जिसके मालिक दूसरे-तिसरे और कोई नहीं बल्कि खुद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण है वह चैनल भी भाई राजिव दीक्षित की मौत पर खामोश क्यों रहा ? आस्था चैनल हमेशा बाबा रामदेव और पतंजलि योगपीठ से जुड़े वीडियो का प्रसारण करता है फिर इस चैनल पर भी राजीव दीक्षित को नाम मात्र कवरेज क्यों दिया जाता है ? रामदेव तो कोई भी चैनल पर राजिव दीक्षित के व्याख्यान और वीडियो दिखाना नहीं चाहते, लेकिन अगर आस्था चैनल पर भी ऐसा हुआ तो जनता का शक यकीं में बदल जाएगा इसीलिए रामदेव नाम मात्र कवरेज दे देते है. बाबा रामदेव की मुलाकात कोई न कोई चैनल पर हमेशा चलती रहती है , अगर उन्हें इतना मिडिया कवरेज मिल रहा है तो वहा वे राजिव दीक्षित की बात को क्यों नहीं उठाते ? जनता की मांग है की आस्था चैनल पर भाई राजिव दीक्षित को भरपूर कवरेज मिले, लेकिन रामदेव ने ऐसा कभी नहीं होने दिया.

भाई राजिव दीक्षित के बोल याद कीजिये:
"सचाई कभी भी फोर्मल नहीं होती, जो दिखाई देता है वो होता नहीं जो होता है वेह देखाई नहीं देता, लाल बहादुर शास्त्री जी का कतल हुआ, सुभाष चंद्र बॉस का कतल हुआ, पर आज तक एक भी सुराग नहीं मिला | वो सिर्फ एक दुर्घटना बन कर रह गई | सचाई को खोजना होता है, तब जाकर जूठ से पर्दा उठता है"

लेकिन इसके विपरीत रामदेव ने भाई राजिव दीक्षित को रास्ते से हटा दिया, खुद चुप्पी साधे रखी, समर्थकों को भी खामोश कर दिया, और पोस्ट मार्टम भी नही होने दी.


अधिक जानकारी:
http://www.eng.chauthiduniya.com/2011/03/baba-ramdev-or-just-ramdev
http://www.youtube.com/watch?v=Wy77IAq2vCc
http://www.mediaclubofindia.com/profiles/blogs/why-baba-ram-dev-ji-is-silent
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4.  गुरु स्वामी शंकर देव महाराज के मौत के लिये जिम्मेदार:


रामदेव ने गुरु-शिष्य परंपरा पर ढेरों प्रवचन दिए. लेकिन खुद अपने गुरु-स्वामी शंकरदेव का दुख नहीं दूर कर पाए. बाबा रामदेव गुरु के स्वामी शंकर देव महाराज को टीबी और फेफडो की गंभीर बिमारी थी, रामदेव ने उन्हे इलाज तक के लिए पैसे नहीं दिये. स्वामी शंकर देव महाराज 2007 मे अचानक रामदेव के पतंजली योगपीठ से वे लापता हो गये.

बाद मे उनका लिखा हुंआ एक पत्र मिला. जिस मे उन्होने लिखा था के वे बिमारी की असहनीय पीडा से त्रस्त होकर योगपीठ छोडकर जा रहे है. और उन्होने योगपीठ के अपने कुछ सहयोगियो से पैसे उधार लिये थे और उन्हे वे लौटा नही पाये, उसके लिये उन्होने माफी मांगी थी. आश्चर्य की बात ये है की वे खुद योगपीठ के ट्रस्टी (पार्टनर) होकर भी उनके पास खुद का १ पैसा तक नही था. इस पर से ये बाते साबित हो गयी की

१. रामदेव ने अपने गुरु के पास १ पैसा भी रहने नही दिया.
२. रामदेव या तो अपने गुरु के बिमारी का इलाज नही कर पाये या फिर उन्होने जनबुझकर इलाज नही किया.
३. उन्होने अपने गुरु को अलोपेथी इलाज नही करने दिया, इसीलिये मजबूरन गुरु शंकरदेव को पतंजली योगपीठ से गुप्त तरीके से भागना पडा

इस तरह रामदेव ने अपने गुरु को भी अपने रास्ते से हटा दिया और उनकां शव भी गायब कर दिया गया.

अधिक जानकारी:
http://www.eng.chauthiduniya.com/2011/03/baba-ramdev-or-just-ramdev
http://www.indianexpress.com/news/ramdevs-guru-missing-letter-adds-to-mystery/205763/1
http://khabar.ibnlive.in.com/news/54986/1
http://himalayauk.org/2011/03/jagat-guru-sankaracharya-narendra-saraswati-himalaya-uk/
http://news.oneindia.in/2007/07/19/baba-ramdevs-guru-leaves-ashram-due-to-unbearable-pain-1184846062.html
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5.  सत्याग्रह से पहले कपिल सिबल को पत्र देकर सरकार से साथ साठ-गाठ करना:


बाबा रामदेव ने कपिल सिबल को 4 जून के अनशन से पहले समझौते के तहत एक गुप्त पत्र दिया था, यह पत्र रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण ने अपने हाथों से लिख कर कपिल सिब्बल को सौंपा था,  जिसमे बाबा रामदेव ने कबुल किया था की उनकी मांगे सरकार ने मान ली है, और उनका अनशन केवल प्रतीकात्मक होगा और तुरन्त हि खत्म हो जायेगा. पत्र मे दोनो पक्षो मे यह समझौता भी हो चुका था की अनशन कैसा होगा, कितनी देर चलेगा, कौन सी मांगे मान ली जायेगी और अनशन खत्म होने की घोषणा कब होगी.

लेकिन कपिल सिबल ने पत्रकार परिषद मे इस पत्र को सार्वजनिक कर दिया. मंच पर बैठे बाबा से पत्रकारों ने इस चिट्ठी प्रकरण पर सवाल किए तो बाबा तिलमिला गए क्योकि उनकी पोल खुल चुकी थी. अपने समर्थकों को संतुष्ट करने के लिए बाबा रामदेव ने मंच पर आकर बार-बार सफाई देने की नाकाम कोशिश की.

लेकिन बाबा ये सवाल का जवाब नही दे पाये की अगर उन्होने पत्र साफ मन से लिख के दिया था तो उन्होने अपने समर्थको से यह बात पहले हि साफ क्यो नही कर दि ? इस बात को सामार्थाको से छिपाकर क्यू रखा गया ?

अपने आप को सच साबित करने की होड मे बाबा ने पत्र मे किये वादे के विपरीत अनशन जारी रखा. सरकार ने जब देखा की रामदेव अपने आप को बचाने के लिये पत्र मे किये गये वादे के विपरीत झूठ पे झूठ बोल रहे है और वादे से मुकर गये है तो सरकार को मजबूरन बाबा रामदेव पर पुलिस कारवाई करना पडी. रामदेव तो औरतो के कपडो मे समर्थको को छोडकर भाग गये लेकिन उनके भक्त और बहन राजबाला को पुलिस के कारवाई का शिकार होना पडा.

यहा पर कोई भी सरकार की कारवाई को सही नही कह रहा, लेकिन रामदेव जी ने अपने भक्तो को जो धोका दिया वह सरकार के कारवाई से भी बहुत बडा जुर्म है.

अधिक जानकारी:
http://www.arthkaam.com/ramdev-exposed-sibal-happy/10635/
http://raviwar.com/dailynews/d1000_ramdev-satyagrah-was-fixed-20110604.shtml
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6.  रामलीला मैदान से भक्तो को और बहन राजबाला को छोडकर भाग गये.


बाबा को अगर सच में अपने मुद्दों के आगे और देश हित के आगे अपनी जान की परवाह ही नहीं थी तो वह रामलीला मैदान से भागे ही क्यों ? अगर नहीं भागते तो क्या होता...पुलिस गिरफ्तार कर लेती....जेल भेज देती....या अगर बाबा पर यकीन करें तो बाबा का एनकाउंटर कर देती....तो.....बाबा तो मौत से नहीं डरते ....तो फिर बाबा को क्या हुआ जो भाग गए और अपने भक्तो को बहन राजबाला को पोलीस के हातो मौत के घाट उतरने के लिये छोड दिया ? मामले मे खुद को निर्दोष साबित करने के लिये  राजबाला के अंतिम संस्कार के वक्त रामदेव ने भावूक भाषण दे दिया और राजाबाला के परिवार वालो को भारी भरकम आर्थिक मदद दे दि गयी.......

सोचो की भक्तो को कितना विश्वास था बाबा के बहादुरी पर, क्या आप इसका जवाब दे सकते हो की बहन राजबाला की आत्मा क्या सोचती होगी रामदेव के बारे, मे जो एक नारी होकर पुलिस के सामने डटी रही अपनी जान की परवाह किये बगैर ...भगत सिंग देश के लिये हसते हसते फांसी पर चढ गये और शहीद हो गये ......और रामदेव एक पुरुष होकर अपने भक्तो की खुले आम अनदेखी कर कायर की तऱ्ह महिला के कपडो मे भाग खडे हुये..... क्यू ? जवाब दे सकते हो आप ?

अधिक जानकारी:
http://indiatoday.intoday.in/story/ramdev-eviction-in-salwar-kameez/1/140613.html
http://www.indiatvnews.com/news/India/Ramdev_Supporter_Rajbala_Dies_Of_Police_Brutality-11008.html
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7. 1100 करोड रुपये से ज्यादा कि रहस्यमय संपत्ती:


दोस्तो बाबा रामदेव के पास 1100 करोड रुपये से भी ज्यादा कि संपत्ती है. उनका पतंजली योगपीठ अरबो रुपयो कि लागत से बना हुआ है. इतना पैसा कहा से आता है ? रामदेव बताते है कि भक्तो के दान से ये संपत्ती आती है. अब आप बताईये के आपको इस बात पर यकीन आता है? और अगर भक्तो के दान का इस्तेमाल हि करना है तो कोई नेक सार्वजनिक गरीबो के कामो के लिये नही किया जा सकता? क्या योग सिखाने के लिये ५ स्टार होटल कि तऱ्ह महल बनाना जरुरी है ? अपने प्राचीन ऋषी मुनी क्या महलो मे योग सिखाते थे? क्या यह आम भक्तो के दान का दुरुपयोग नही है? 

1995 में रामदेव के ट्रस्ट के पास 775 करोड़ संपत्ती थी और वर्तमान में लगभग एक हजार एक सौ करोड़ की संपत्ति है। बहुत काम समय में बाबा की संपत्ति में चार सौ करोड़ की बढ़ोतरी हुई। हालाकी अपनी संपत्ती की तथाकथित जानकारी रामदेव अपनी वेबसाईट पर दे चुके है, लेकिन कोई भी समझदार व्यक्ती इसपर विश्वास करना असंभव है.

रामदेव से जुड़ी फार्मेसी पर छापा मारने पर उत्तराखंड के तत्कालीन राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल बड़े नाराज हुए थे. विभाग के कुछ अधिकारियों का मानना है कि रामदेव के मामले में अनुचित दबाव पड़ने के बाद डिप्टी कमिश्नर जगदीश राणा ने समय से चार साल पहले ही सेवानिवृत्ति ले ली थी. एसआईबी के इस छापे के बाद राज्य या केंद्र की किसी एजेंसी ने रामदेव के प्रतिष्ठानों पर छापा मारने की हिम्मत नहीं की. इसी के साथ रामदेव का आर्थिक साम्राज्य भी दिनदूनी रात चौगुनी गति से बढ़ने लगा.

बाबा ने और भी दसियों लोगों के नाम पर हरिद्वार में अरबों की जमीनें खरीदी हैं. बाबा हठयोगी सवाल करते हैं, ‘देश भर में काले धन को लेकर मुहिम चला रहे रामदेव के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि आखिर महज आठ हजार रुपये महीना पाने वाले गगन कुमार जैसे इन दसियों लोगों के पास अरबों की जमीनें खरीदने के लिए पैसे कहां से आए.’ कई गांववाले दावा करते हैं कि तेलीवाला और औरंगाबाद गांव में रामदेव के ट्रस्ट के कब्जे में 4000 बीघा से अधिक जमीन है. प्रशासन द्वारा मिली इतनी अधिक भूमि खरीदने की इजाजत और बेनामी व कब्जे वाली जमीनों को देखने के बाद इस दावे में सत्यता लगती है.

रामदेव के कार्यो के लिए जो धन इकठ्ठा किया जाता है वो सफेद नहीं होता. बैतूल में बाबा रामदेव से प्रेस की दूरिया इसलिए बना रखी ताकि बैतूल जिले में बाबा के नाम पर किए गए अनाप-शनाप चंदे के धंधे की पोल न खुल जाए.करोड़ों की संपत्ति के मालिक होने के बाद भी जब बाबा और उनका ट्रस्ट सरकार को चूना लगाने से पीछे नहीं हटता तो ये समझना आम इंसान की सोच से परे है कि वही बाबा बार-बार किस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए  सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं।

अधिक जानकारी:
http://www.rediff.com/business/slide-show/slide-show-1-baba-ramdev-school-drop-out-turned-millionaire/20110602.htm
http://www.tehelkahindi.com/indinoo/national/1050.html
http://www.jagran.com/news/national-8916070.html
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8. खुद के कम्पनियो के बारे मे चुप्पी :


अरबपति बाबा रामदेव के पास कुल कितनी संपत्ति है, इस सवाल का जवाब गुरुवार को खुद बाबा रामदेव और उनके खासमखास आचार्य बालकृष्ण ने देने की कोशिश की. गर्व के साथ बालकृष्ण ने बताया कि पिछले 17 सालों में उनके ट्रस्टों ने 1177 करोड़ रुपए का आय-व्यय किया है. बाबा का कहना है था कि हम जो काम ट्रस्ट के जरिये नहीं कर पाते हैं, उन्हें कंपनियों के माध्यम से किया जाता है।

बाबा की पूरी कवायद के बाद भी कई सवाल, सवाल ही रह गए। ये पता नहीं चला कि आखिर कुल कितनी कंपनियां हैं बाबा रामदेव के पास। कुल कितनी कंपनियों में बालकृष्ण चेयरमैन हैं। ऐसा माना जाता है कि बालकृष्ण तकरीबन 20 कंपनियों में चेयरमैन हैं लेकिन न बालकृष्ण ने उनके बारे में कुछ बताया और ना ही रामदेव ने।
रामदेव से पूछा गया कि आखिर उनकी कहां-कहां जमीन है? कितनी जमीनों पर विवाद है? बाबा के दो चैनल चलते हैं उनकी कमाई कितनी है? बाबा का विदेशों में कितना बड़ा कारोबार है? कितनी जमीन है? ये सवाल बालकृष्ण को तीखे लगने लगे। वो फौरन उठे और प्रेसवार्ता छोड़कर चले गए। इसके बाद रामदेव से भी सवाल हुए। लेकिन वो भी चुप ही रहे। पत्रकारों को ना तो कंपनियों की, ना जमीनों की और ना ही उनके चैनलों से होने वाली कमाई का ब्यौरा मिला। बाबा रामदेव की संपत्तियों की जांच कर रही एजेंसियों का कहना है कि योग गुरु के ट्रस्‍ट की तरफ से संचालित कंपनियों ने गुपचुप तरीके से विदेशों में बड़ी मात्रा में रकम भेजी हैं।

सवाल ये है कि जब बाबा रामदेव सरकार से जवाब मांग रहे हैं तो वो खुद क्यों चुप हैं? उन्होंने अपने ट्रस्टों के आय-व्यय का ब्यौरा दिया तो आखिर कंपनियों का क्यों नहीं दिया? कंपनियों की संख्या तक नहीं बताई गई। उन जमीनों के बारे में क्यों नहीं बताया जो देश-विदेश में फैली है? क्या बाबा रामदेव के पास इन सवालों का जवाब है?

अधिक जानकारी:
http://khabar.ibnlive.in.com/news/54462/1
http://hindi.pardaphash.com/news/681745/681745.html
http://www.delhibazaronline.com/index.php?option=com_content&view=article&id=4996&Itemid=1
http://surireporters.com/index.php?option=com_content&view=article&id=2673:2011-06-09-14-21-21&catid=63:2009-12-31-14-11-47&Itemid=113
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9. विदेश मे अरबो कि लागत से द्विप खरीदा

दोस्तो बाबा रामदेव ने स्कॉटलंड मे एक द्विप खरीदा है, जिसकी किमत है 2 मिलियन ब्रिटीश पौंड, याने कि Rs.15,84,16,423 , हां करीब 16 अरब भारतीय रुपये ..... भले यह द्विप रामदेव जी किसी भी काम के लिये इस्तेमाल क्यू ना करे, पर क्या यह भक्तो से लिये गये चंदे कि फिजूल खर्ची नही है ? स्वदेशी का प्रचार करने वाले योग गुरु को भारतीय लोगो के पैसो से विदेश मे अरबो रुपये का निवेश करना क्या शोभा देता है ?

अधिक जानकारी:
http://www.business-standard.com/india/news/baba-ramdev-buys-scottish-island/371479/
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10. योग और आंदोलन के बहाने चंदा लेना और विदेशी चार्टर्ड प्लेन मे सफर करना :


दोस्तो रामदेव ने योग का प्रचार जरूर किया है, लेकिन इसका इस्तेमाल उन्होने अपने स्वार्थ के लिये ज्यादा किया है. साथ हि कालेधन के खिलाफ उनका आंदोलन पुरी तरह एक धोका है. योग और काले धन के खिलाफ आंदोलन को वे अपने संरक्षण कवच के तौर पे इस्तेमाल कर रहे है. ईस बहाने वे लोगो से अरबो रुपये का चंदा वसूल करते है, कोई अगर उंगली उठाये तो केहे ते है की मेरे क्या बिवी या बाल बच्चे है जो मे खुद के लिये यह धन जमा कर रहा हू ?

अब आप हि सोचीये की जो चंदा आम जनता से योग और आंदोलन के लिये लिया जाता है उसका इस्तेमाल किस लिये हो रहा है ? बाबा रामदेव बडे शान से अपने आप को सन्यासी केहेते है? लेकिन अगर कोई भी यात्रा पे जाना हो तो वो चार्टर्ड प्लेन, याने खुद के विमान के बगैर नही जाते...... अब आप हि बताईये इसे क्या कहा जाये? केवल कुछ मिनिटो की हवाई यात्रा के लिये लाखो ररुपये स्वाहा कर दिये जाते है, क्या यह आम लोगो से जमा किये गये चंदे का दुरुपयोग नही है ? क्या देश मे कार, रेल नही चलती? क्या आम लोग जिस विमान मे सफर करते है उस विमान मे सफर करने से उनकी प्रतीष्ठा कम हो जाती है? इससे बडा भ्रष्टाचार क्या हो सकता है ? स्वदेशी का प्रचार करने वाला, भारत स्वाभिमान आंदोलन चलानेवाला खुद विदेशो विमानो के सवारी मे लाखो रुपये खर्च करता है, क्यू? इसका जवाब है किसीके पास?

अधिक जानकारी:
http://www.deccanherald.com/content/165807/cong-disapproves-4-senior-ministers.html
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11. बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी से चुनाव में सांठ-गांठ :


दो नावो मे पैर रखकर सवारी करने की तो रामदेव बाबा की पुरानी आदत रही है. पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद बाबा रामदेव ने ना सिर्फ अखिलेश यादव के तारीफो के पूल बहाये , बल्की इशारो इशारो मे ये भी साफ कर दिया की राहुल गांधी जो भी गलतीया कर रहे है, दिग्विजय सिंग के कारण कर रहे है. राहुल गांधी से उन्हे कोई समस्या नही.


रामदेव बाबा और मुल्ला मुलायम के समाजवादी पार्टी मे सांठ-गांठ होने की बात आखिर साफ हो गयी. रामदेव ने चुनाव परिणाम के बाद प्रेस कॉन्फरन्स में कहा की :
• मैने अखिलेश यादव को जो सलाह दि वो अखिलेश ने मानी, और इसिलीये समाजवादी पार्टी जिती.
• कहा अखिलेश यादव एक होनहार युवा नेता है.
• कहा अखिलेश ने सपा को जीत दिलायी और अब एक काबिल मुख्यमंत्री बनने के सभी गुण उनमें है.
• कहा आगे भी हमेशा अखिलेश को सलाह देता रहूंगा.
• मे सपा का प्रवक्ता नही, लेकिन सपा भ्रष्टाचार के खिलाफ है और मे सपा के साथ हू.
• अखिलेश राज में UP में हो रहे गुंडागर्दी, दंगो पर चुप्पी.
• अखिलेश चुनाव के वक्त क्रांतीरथ यात्रा पर थे तब रामदेव से उनकी एक गुप्त वार्ता और भेंट हुई थी.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सेक्स कांड मे दोषी काँग्रेस नेता एन.डी.तिवारी से भी रामदेव के करिबी संबंध है. जमीन घोटाले मे तिवारी ने रामदेव का जमकर साथ दिया है.

अधिक जानकारी:
http://m.oneindia.in/hindi/news/2012/03/10/india-baba-ramdev-praises-akhilesh-yadav-slams-rahul-aid0163.html

http://himalayauk.org/2011/06/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8-%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%8F%E0%A4%A8%E0%A4%A1%E0%A5%80-%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0/

http://news.bhadas4media.com/index.php/yeduniya/555-2011-10-03-13-08-58
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12. स्वदेशी का ढोंग, विदेशी MNC से बिजनेस करार.

स्वदेशी का ढोंग रचाके जनता से करोडो का चंदा जमा करने वाले भोंदू रामदेव बाबा ने अपने "Food & Beverages" बिजनेस के लिये 1 नामी बहुराष्ट्रीय विदेशी कंपनी "टेट्रा पॅक (Tetra Pak)" से अरबो रुपये का करारनामा कर देश के मुह पर और एक तमाचा मारा है.

लेकिन कुछ भगौडा भक्त इसके बचाव में कुद पडे है और झुटी दलील दे रहे है की "टेट्रा पॅक" यह एक पैकेजिंग की टेक्नोलोजी है और इस नाम की कोई कंपनी है ही नही. लेकिन मित्रो हम आपसे सबुतो के आधार पर कह रहे है की रामदेव ने जो कंपनी से करार किया है उसका नाम "टेट्रा पॅक" है और वह स्वीडन (युरोप) में स्थित एक बहुत नामी बहुराष्ट्रीय विदेशी कंपनी है. आप इस कंपनी की पुरी जानकारी विकिपेडिया पर ले सकते है (http://en.wikipedia.org/wiki/Tetra_pak) साथ हि इस कंपनी की वेबसाईट (http://www.tetrapak.com/Pages/default.aspx) भी देख सकते है. इस कंपनी का कारोबार 170 से अधिक देशो में फैला हुआ है.

याने की एक बात साफ हो जाती है की "टेट्रा पॅक" नाम से एक पैकेजिंग की टेक्नोलोजी तो है लेकिन स्वीडन में इस टेक्नोलोजी का इस्तेमाल करके अरबो रुपये का बिजनेस करने वाली एक बहुराष्ट्रीय विदेशी कंपनी भी है और उस कंपनी का नाम भी इसी टेक्नोलोजी के उपर हि याने "टेट्रा पॅक" हि है यह बात साबित हो चुकी ह.

 अधिक जानकारी:
http://www.delhibazaronline.com/index.php?option=com_content&view=article&id=4996&Itemid=1
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13. बीजेपी, अन्ना और डॉ. स्वामी के समर्थन की वजह :

 दोस्तो राजनीती और समाजसेवा बहुत हि पेचीदा चीज होती है. यहां पर दुश्मनो को भी मजबुरी मे साथ रखना पडता है.

रामदेव के काँग्रेस से पुराने सबंध रहे है. इसी के बल पर उन्होने 4 जून का अनशन शुरू करने से पहले कपिल सिब्बल जैसे गद्दार को लेटर देकर सरकार से मिली भगत कर ली थी. रामदेव के दुष्कर्म अगर बीजेपी, अन्ना और डॉ. स्वामी आदी उजागर करे तो नतीजा उलटा हो सकता है. क्युकी रामदेव बाबा भगवा वस्त्र धारण करते है, योग का प्रचार करते है, काले धन के खिलाफ आंदोलन का दिखावा करते है, लाखो हिंदू जनता को उन्होने अपने वश मे कर रखा है. अगर उनके खिलाफ बोले तो :

१) तो भगवा कपडे वालो के खिलाफ बोलने पर बीजेपी का हिंदू वोट बँक प्रभावित हो सकता है,
२) बीजेपी राम मंदिर का वादा अभी तक पुरा नही कर पायी, इस मुद्दे पर रामदेव उसे ब्लॅकमेल कर सकते है.
३) अगर रामदेव नयी पार्टी बनाते है तो  बीजेपी के हिंदू वोट विभाजित कर वे काँग्रेस को जीत दिला सकते है.

इसीलिये इस वक्त बीजेपी, अन्ना और डॉ. स्वामी आदी के पास रामदेव को समर्थन देने के अलावा कोई रास्ता नही है. लेकिन हमे अभी से सावध होना है, नही तो यह भांड देश को नुकसान पहुचायेगा.

http://www.merikhabar.com/News/Baba_Ramdev_BJP_Mining_Corruption_N52260.html

http://hindi.oneindia.in/news/2012/04/21/india-baba-ramdev-anna-hazare-team-anna-corruption-aid0129.html

http://raviwar.com/dailynews/d2005_baba-ramdev-and-bjp-20120428.shtml

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14. स्वाईन फ्लू के खोखले इलाज के बहाने लाखो का बिजनेस.


करीब  दो तीन साल पहले पूरे देश में स्वाइन फलू की दहशत थी। इस दहशत की दवा बाँटने के लिए बाबा रामदेव प्रकट हुए दिल्ली में। बाबा ने प्रेस कांफेंस बुलाई और जैसा कि तय था तकरीबन सारे चैनल ओबी वैन के साथ आ डटे। फिर क्या था बाबा ने पहले तो स्वाइन फलू के बारे में ज्ञान दिया। विदेशी बीमारी को कोसा और इससे निपटने के लिए किए जा रहे सरकारी इंतजामों को लताडा। बाबा पूरी तैयारी से थे। अपने साथ गिलाय और दूसरी जडियां लाए ही थे। अपने अंदाज में बाबा ने गिलाय की डंडियां चबाकर बतानी भी शुरू कर दीं। थोडी देर बाद ही बाबा आ गये अपने असली धंधे पर। बाबा ने कहा किसी को गिलाय और तुलसी नहीं मिले तो हमारे पतंजलि चिकित्सालय से संपर्क करे। यहां भी गिलाय घन बटी, तुलसी घन बटी और ज्वरनाशक काढे की दवाएं मौजूद हैं।

इधर आजतक, स्टार न्यूज और एनडीटीवी से लेकर सहारा और ईटीवी सभी पेड चैनल पर बाबा रामदेव अपनी गिलोय की डंडियों के साथ छा गये थे। बाबा की एक घंटे की प्रेस कांफेंस ने बाबा की लाखों रूपए की दवाएं बिकवा दीं।

अधिक जानकारी:
http://zeenews.india.com/news/health/health-news/yoga-can-cure-swine-flu-baba-ramdev_5008.html
http://deshkaal.com/Details.aspx?nid=158200963357182
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दोस्तो ये सब पढने के बाद आपको रामदेव बाबा का असली चरित्र ग्यात हो चुका है. इन सवालो का रामदेव और उनके समर्थक कभी भी जवाब नही दे पायेंगे और ये तो सब सरकार की चाल है, मिडीया कां खेल है, आदी बहाने बनाकर खुद के पाप छुपाने की पुरी कोशिष करेगे.

दोस्तो हम भाजपा और नरेंद्र मोदिजी को अगर जीत दिलाना चाहते है तो रामदेव जैसे काले कर्मो वाले भगौडे, भोंदू बाबा को दूर रखना होगा. इसका प्रमाण अभी अभी सामने आये उत्तराखंड विधानसभा चुनाव  के नतीजे, उत्तर प्रदेश मे तो रामदेव ने काफी हिंदू वोट मुलायम कि और मोड कर बीजेपी की हार तय कर दी थी, लेकिन जिस राज्य मे रामदेव का पुरा साम्राज्य बिछा पडा है, उसी उत्तराखंड मे भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा. जबकि पंजाब और गोवा मे बीजेपी का प्रदर्शन शानदार है. सोचीये जरा...... और इस भोंदू रामदेव का असली चेहरा जनता के सामने लाईये.
वंदे मातरम !

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